फरीदाबाद। नगर निगम आयुक्त द्वारा टैंकरों से पानी सप्लाई करने के मामले में बोरवेलों पर लिए गए निर्णय के उपरांत टैंकर से पानी सप्लाई करने वाले हड़ताल पर चले गए। इससे उद्योगों का दम घुटने लगा है।
Industries in Faridabad succumbed by stopping water supply from private tankers: FIA
Faridabad. After the decision taken by the municipal commissioner on the borewells in the matter of supplying water from the tankers, the water supply from the tanker went on strike. This has suffocated the industries.
इस हड़ताल का सीधा प्रभाव औद्योगिक संस्थानों पर पड़ा है। फरीदाबाद नगर निगम के पास तो पीने के पानी की सप्लाई पूरी करने की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में उद्योगों को पानी की पूर्ति नगर निगम करेगा, यह सोचना ही बेईमानी है।
फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान बीआर भाटिया का कहना है कि औद्योगिक संस्थान कोरोना के कारण हुई तालाबंदी एवं बाजार में मांग न होने से पहले ही लड़खड़ा रहे हैं। ऐसे में उनका पानी बंद कर देना गला घोटने के समान है।
भाटिया का कहना है कि बोर कानूनी है कि गैरकानूनी, इस विवाद से परे वास्तविकता यह है कि दशकों से पानी की सप्लाई टैंकरों द्वारा हो रही है। हालांकि यदि नगर निगम पानी की आपूर्ति करे, तो वह औद्योगिक संस्थानों को काफी सस्ती पड़ती है, परंतु यह एक कड़वी सच्चाई है कि उद्योगों को पानी की सप्लाई नगर निगम के वश की बात नहीं है।
एफआईए के प्रवक्ता ने नगर निगम आयुक्त से इस संबंध में गंभीरता से पुनर्विचार करने की अपील की है ।
भाटिया के अनुसार उद्योग प्रबंधक टैंकरों से पानी नहीं मंगाना चाहते हैं, परंतु यह उनकी विवशता है कि पानी की आपूर्ति न होने के कारण उन्हें टैंकरों पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
भाटिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री एवं उद्योग मंत्री दुष्यंत चौटाला से भी अपील की है कि इस समस्या का तुरंत समाधान कराएं।